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महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी व English में अर्थ | बीमारियाँ दूर कर आपकी उम्र बढ़ाता है महामृत्युंजय मंत्र | Mahamrityunjaya Mantra

  महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी व English में अर्थ | बीमारियाँ दूर कर आपकी उम्र बढ़ाता है महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ महामृत्युंजय मंत्र का हिन्दी में अर्थ   मैं उन भगवान शिव कि पूजा करता हूँ ,जो तीन नेत्रों बाले हैं,जो हमारे जीवन को खुशियों से सुगंधित करने बाले और हमें पुष्टि देने बालेे हैं | भगवान शिव से हमारी प्रार्थना है कि ,जिस प्रकार कक्कड़ी पक कर ही अपनी बेल से अलग होती है उसी प्रकार हम भी संसार रूपी बेल से असमय अलग ना होकर पूरा जीवन जीयें तथा अंत में मोक्ष को प्राप्त हों | अन्य पढ़ें मृतसञ्जीवंस्तोत्रम  अक्ष्युपनिषद  Shivapanchakshar Stotra | शिवपंचाक्षर स्तोत्र

Yoga Poses To Get Rid Of Diseases | वारिसार द्यौति

 Yoga Poses To Get Rid Of Diseases | वारिसार द्यौति वारिसार द्यौति करने कि प्रक्रिया 1. उकड़ू होकर बैठें | 2. धीरे-धीरे पानी के तीन गिलास पी  जाएँ |  3. ताड़ायन,बज्रासन,भुजंगासन आदि तीन आयन करें | 4. शौच लगने पर निवृत होकर आएँ | 5. यह प्रकृिया तब तक दोहराएँ जब तक मलद्वार से पानी जैसे का तैसा ना निकलने लगे | वारिसार द्यौति करते समय सावधानियाँ 1. इसे साल में दो या तीन बार ही करें | 2. वारिसार द्यौति का अभ्यास करने से दो-तीन दिन पहले से हलका भोजन करना शुरू कर दें | 3. वारिसार द्यौति करने से पहले पेट को अच्छी तरह से साफ कर लें | 4. ढीले कपड़े पहनें | 5. गुनगुने जल का प्रयोग करें | 6. जल में नींबू और सेंधा नमक का प्रयोग भी कर सकते हैं | 7. किसी योगगुरू कि देखरेख में ही वारिसार द्यौति कि प्रकृिया को करें | 8. अभ्यास के बाद शरीर को पूर्ण विश्राम देना चाहिए 9. गर्भवती महिलाओं को   वारिसार द्यौति का अभ्यास नहीं करना चाहिए वरना गर्भपात हो सकता है |  10. वारिसार द्यौति का अभ्यास करने के बाद रसाहार या फलाहार का सेवन अगले 24 घंटे तक करना उचित रहता है| वारिसार द्यौति के फायदे   1. शरीर से विषैले पदा

Why Red Sandalwood so expenssive | लाल चंदन इतना महंगा क्यों है

  लाल चंदन इतना महंगा क्यों है | लाल चंदन, उपयोग, लाभ और भी बहुत कुछ   वानस्पतिक नाम : पटरोकार्पस सैंटालिनस  सामान्य नाम : रेड सैंडर्स, रेड सॉन्डर्स, येरा चंदनम, रेड सैंडलवुड, रक्ता चंदना  पहचान :  1. लाल चंदन की कोई सुगंध नहीं होती है।  2. पेड़ की ऊंचाई 5-8 मीटर है।  3. लाल चंदन के पत्ते 3-9 सेंटीमीटर लंबे होते हैं।  उपयोग :  1. लाल चंदन का उपयोग फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है।  2. संगीत वाद्ययंत्र बनाने के लिए लाल चंदन का उपयोग किया जाता है।  3. लाल चंदन में ज्वरनाशक और सूजन रोधी गुण होते हैं। 4. पूजा में लाल चंदन का प्रयोग किया जाता है।  5. लाल चंदन रक्त शोधक है।  6. लाल चंदन में कैंसर रोधी गुण होते हैं।  7. लाल चंदन का उपयोग मादक पेय पदार्थों में स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है।  8. लाल चंदन का प्रयोग त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है।  लाल चंदन इतना महंगा क्यों है  1. उच्च मांग और कम आपूर्ति के कारण लाल चंदन इतना महंगा है।  2. पेड़ के हर्टवुड को विकसित होने में लगभग 30 वर्ष लगते हैं।  3. भारत दुनिया के लाल चंदन का केवल 90% उत्पादन करता है।  4. लाल चंदन क

रोग से मुक्ति के लिए योग | वात्सार धौती |वात्सार धौती कैसे करें |Vaatsaar Dhauti

  रोग से मुक्ति के लिए योग  | वात्सार धौती वात्सार धौती कैसे करें  1.  किसी भी आसन में आराम से बैठ जाएँ | 2.  मुँह को कौए कि  चोंच के तरह करें |  3.  धीरे - धीरे साँस  अंदर लें |  4.  पेट फूलने तक सांस लेते रहें |  5.  सांस को धीरे धीरे पेट में घुमाएं |  6.  अब पेट की हवा को धीरे धीरे गुदा मार्ग से निकालें |    वात्सार धौती के लाभ   1.   वात्सार धौती से हर तरह के  रोग दूर होते हैं |  2.   वात्सार धौती एक गुप्त योग है , यह  पाचन और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है |   अन्य पढ़ें  सूर्यनमस्कार  बज्रासन  सुप्तवज्रासन  ज्ञान मुद्रा के बारे में पढें ह्रदय मुद्रा