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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

योग का अर्थ || Yoga Kya Hai || ज्ञान मुद्रा

  योग का अर्थ || Yoga Kya Hai || ज्ञान मुद्रा  योगश्चित्तवृत्तिनिरोध: !!  चित कि वृत्तियों  को रोक लेना ही योग है !चित का मतलब है मन ! मन ही इच्छाओं का केंद्र है ! जब मन को अपने बस में कर लिया तो सब कुछ संभव  हो गया ! अपनी इच्छाओं को  वस में कर लेना ही योग है ! ठहरे हुए पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखा जा सकता है पर अगर पानी में तरंगे उठती रहें तो प्रतिबिम्ब देखना मुश्किल होगा ! अपने आप को जान लेना ही योग है और   तभी  संभव होगा जब में  ठहराव होगा होगा ! आज की यह मुद्रा   ज्ञान मुद्रा  हाथों कि मुद्राओं से कई तरह की बीमारियों का इलाज  किया जा सकता है ! याद रखें  की जब कोइ भी मुद्रा  आप कर रहे हों उस में उपयोग में ना होने बाली उंगलियों को सीधा रखें  ! विधी        इस मुद्रा में अपने अंगूठे के अग्रभाग को अपनी तर्जनी उंगली के अग्रभाग से मिलाकर रखें  ! शेष तीनो उंगलियों को सीधा रखें ! हाथों  को अपने घुटनों  पर रखें  और साथ में अपनी हथेलियों को आकाश की तरफ खोल दें ! महत्त्व       अंगूठा  अग्नि तत्व का और तर्जनी उंगली वायु  तत्व का प्रतीक है !  ज्योतिष के अनुसार अंगूठा मंगल ग्रह  और तर्जनी उंगली

एक महीने में मोटापा घटायें || Loose Fat in a Month || Loose Fat Fast

  एक महीने में मोटापा घटायें || Loose Fat in a Month || Loose Fat Fast तीव्रसंवेगानामासन्न: ऊपर लिखे सूत्र का मतलब है की जिसकी जितनी श्रद्धा हो उतनी ही जल्दी वह लाभ प्राप्त करता है !मतलब जो नित्य नियमित रूप से योग साधना पूरी श्रद्धा के साथ करता है उसे ही लाभ मिलता है !  दोस्तों हम बहुत से लोगों  को सुनते हैं की हम ने बहुत कुछ किया पर लाभ नहीं मिला वे सब गलत हैं , हाथ ना आये थु कौड़ी वाली कहावत उन के लिए ही बनी है !  करना कुछ नहीं है और दूसरों  को भी करने नहीं देना है ! दोस्तों अगर आप दिल से  योग   करेंगे तो लाभ जरूर होगा !  आज हम बात करेंगे मोटापे के लिए योग के बारे में ,तो जो योगासन आप को करने हैं  वे निम्न हैं  : (क)      बज्रासन  :   घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं। इस दौरान दोनों पैरों के अंगुठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं। अब हथेलियां को घुटनों पर रख दें।  इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें। दोनों घुटनों को आपस में मिलाकर रखें। अब आंखें बंद कर लें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस अवस्था में आप पांच से 10 मिनट तक बैठने की कोशि

एक महीने में मोटापा घटाएँ || LOOSE FAT IN A MONTH || How To Loose Fat Fast

एक महीने में मोटापा घटाएँ || LOOSE FAT IN A MONTH || How To Loose Fat Fast Photo by  Pixabay  from  Pexels प्रशाम्यत्यौषधै: पूर्वो दैवयुक्तिव्यपाश्रयै: ! चरक संहिता के अनुसार शारीरिक दोष देव व्यपाश्रय और युक्ति  व्यपाश्रय औषधियों से शांत हो जाते हैं ! देव व्यपाश्रय  : मणि ,मन्त्र,औषधि ,बलि ,उपहार ,होम ,नियम,प्रायश्चित आदि कर्म जो की देवताओं  के लिए किये जाते हैं ! युक्ति  व्यपाश्रय   : योजना ,युक्ति को आश्रय कर किये गए संशोधन,संशमन और कर्म ! ऊपर लिखे श्लोक का अर्थ है शरीर में किसी भी रोग के होने पर उसे शान्त  करने के कई उपाय हैं  !जैसे की मन्त्र,तन्त्र ,उपहार ,योग,औषधि और होम आदि ! Photo by  Valeria Boltneva  from  Pexels दोस्तों आज हम बात करेंगे उस रोग के बारे में जो कई रोगों  का कारण है , वह रोग जो वर्तमान समय में विकराल रूप ले चूका है !आज हमारा खाना पीना ,रहन सहन  कुछ ऐसा  हो चुका  है कि  रोग तो हमारे साथी हो चुके हैं  हम रोजमर्रा के जीवन में रोगों  के कारण सुनते रहते हैं  और हमें पता है की ये कारण वे सब कारण हैं  जिन्हे टाला  भी जा सकता है ! जरूरत नहीं Fast Food खाने की ,जरूरत नहीं

शिवपंचाक्षरस्तोत्रम् || Cure For All Diseases

  शिवपंचाक्षरस्तोत्रम्  || Cure For All Diseases नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय । नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय || सर्पों कि माला धारण करने बाले,        तीन नेत्रों बाले, शरीर पर भस्म रमाने बाले महेश्वर | नित्य शुद्ध दिशाओं के वस्त्र धारण करने बाले, न कार स्वरूप शिव को नमस्कार है || मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय । मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नमः शिवाय || गंगा जी को धारण करने बाले,         चंदन से अलंकृत, नंन्दी जी के पूजित,प्रमथनाथ महेश्वर |मंदार जैसे कई फूलों से पूजित म स्वरूप शिव को नमस्कार है | शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदाय सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय । श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नमः शिवाय || जो सूरज के समान हैं और माँ गौरी जी के मुख कमल को खुशी प्रदान करने बाले हैं,राजा दक्ष के घमन्ड को दूर करने बाले,कण्ठ में बिष धारण करने बाले,जिन का प्रतीक के रूप में बैल है, शि स्वरूप भगवान शिव को नमस्कार है |   वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चित शेखराय । चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नमः शिवाय || वशिष्ठ