रोग से मुक्ति के लिए योग | वात्सार धौती |वात्सार धौती कैसे करें |Vaatsaar Dhauti

 रोग से मुक्ति के लिए योग  | वात्सार धौती



वात्सार धौती कैसे करें 


1.  किसी भी आसन में आराम से बैठ जाएँ |

2.  मुँह को कौए कि  चोंच के तरह करें | 

3.  धीरे - धीरे साँस  अंदर लें | 

4.  पेट फूलने तक सांस लेते रहें | 

5.  सांस को धीरे धीरे पेट में घुमाएं | 

6.  अब पेट की हवा को धीरे धीरे गुदा मार्ग से निकालें | 

 

वात्सार धौती के लाभ 


1.  वात्सार धौती से हर तरह के  रोग दूर होते हैं | 

2.  वात्सार धौती एक गुप्त योग है , यह  पाचन और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है |  




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शिलाजीत क्या है और इसके क्या फायदे हैं | What is Shilajit and what are its benefits | Advantages and disadvantages of Shilajit


  

शिलाजीत क्या है और इसके क्या फायदे हैं | शिलाजीत के फायदे और नुक्सान 


शिलाजीत क्या है :-

आचार्य चर्क के अनुसार इस धरा पर कोई ऐसी बिमारी  नहीं जिसे शिलाजीत से जीता नहीं जा सकता | शिलाजीत गहरे भूरे रंग का चिपचिपा पदार्थ है ,जो कड़वा , कसैला और उष्ण होता है | शिलाजीत कि  गंध गौमुत्र कि  तरह होती है |  यह जल में घुल जाता है और अल्कोहल , कलोरोफॉर्म और ईथर में नहीं घुलता | यह मुख्यत: हिमालय और हिन्दुकुश पर्वतमाला में प्रापत होता है , यह पौधों के हज़ारों बर्ष के विघटन के कारण बनता है  |


शिलाजीत खाने के फायदे :-

1.  शिलाजीत दिमागी कमजोरी को दूर करती है | 

2.  शिलाजीत इम्युनिटी को बढ़ाने में काम आती है | 

3.  शिलाजीत मधुमेह को कम करने में सहायक है | 

4.  शिलाजीत दिल और रक्त सम्बंधित बीमारियों में काम आती है | 

5.  शिलाजीत शारीरिक कमजोरी दूर करती है | 

6.  शिलाजीत रक्त कि  कमी को दूर करती है | 


शिलाजीत खाने के नुक्सान :-

1.  शिलाजीत शरीर की गर्मी को बढ़ाती है | 

2.  शिलाजीत से पेशाब को बढ़ाती है | 

3.  शिलाजीत के ज्यादा प्रयोग से पैरों  और हाथों में जलन महसूस हो सकती है | 


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