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परहेज़ (क) मीठाई
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यहाँ आप पाएँगी देसी और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे मे ज्ञान,हर्बल औषधियाँ तथा और भी बहुत कुछ,Herbs,Herbal Remedies
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शिवपंचाक्षरस्तोत्रम् || Cure For All Diseases
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै नकाराय नमः शिवाय ||
सर्पों कि माला धारण करने बाले, तीन नेत्रों बाले,
शरीर पर भस्म रमाने बाले महेश्वर |
नित्य शुद्ध दिशाओं के वस्त्र धारण करने बाले,
न कार स्वरूप शिव को नमस्कार है ||
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय
नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय
तस्मै मकाराय नमः शिवाय ||
गंगा जी को धारण करने बाले,
चंदन से अलंकृत,
नंन्दी जी के पूजित,प्रमथनाथ महेश्वर |मंदार जैसे कई फूलों से पूजित म स्वरूप शिव को नमस्कार है |
शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदाय
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय
तस्मै शिकाराय नमः शिवाय ||
जो सूरज के समान हैं और माँ गौरी जी के मुख कमल को खुशी प्रदान करने बाले हैं,राजा दक्ष के घमन्ड को दूर करने बाले,कण्ठ में बिष धारण करने बाले,जिन का प्रतीक के रूप में बैल है, शि स्वरूप भगवान शिव को नमस्कार है |
वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चित शेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय
तस्मै वकाराय नमः शिवाय ||
वशिष्ठ ,अगस्तय,गौतम आदि मुनियों और देवताओं के पूजित,ब्रहमाँड के मुकुट,जिन कि चंद्रमा,सूरज और अग्नि तीन आँखें हैं ,व स्वरूप भगवान शिव को नमस्कार है |
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय ||
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यज्ञ स्वरूप ,जटाओं को धारण करने बाले ,जिन के हाथों में त्रिशूल है ,जो सनातन हैं |जो दिव्य हैं ,तेजोमय हैं और चारों दिशाएँ जिन के वस्त्र हैं ,य स्वरूप उन भगवान शिव को नमस्कार है |
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते ||
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इस पंचाक्षर का पाठ जो शिव के समीप करते हैं ,वे शिव के निवास को प्राप्त करेंगे और शिव के साथ आन्नदित रहेंगे ।
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