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Yoga Poses To Get Rid Of Diseases | वारिसार द्यौति

 Yoga Poses To Get Rid Of Diseases | वारिसार द्यौति वारिसार द्यौति करने कि प्रक्रिया 1. उकड़ू होकर बैठें | 2. धीरे-धीरे पानी के तीन गिलास पी  जाएँ |  3. ताड़ायन,बज्रासन,भुजंगासन आदि तीन आयन करें | 4. शौच लगने पर निवृत होकर आएँ | 5. यह प्रकृिया तब तक दोहराएँ जब तक मलद्वार से पानी जैसे का तैसा ना निकलने लगे | वारिसार द्यौति करते समय सावधानियाँ 1. इसे साल में दो या तीन बार ही करें | 2. वारिसार द्यौति का अभ्यास करने से दो-तीन दिन पहले से हलका भोजन करना शुरू कर दें | 3. वारिसार द्यौति करने से पहले पेट को अच्छी तरह से साफ कर लें | 4. ढीले कपड़े पहनें | 5. गुनगुने जल का प्रयोग करें | 6. जल में नींबू और सेंधा नमक का प्रयोग भी कर सकते हैं | 7. किसी योगगुरू कि देखरेख में ही वारिसार द्यौति कि प्रकृिया को करें | 8. अभ्यास के बाद शरीर को पूर्ण विश्राम देना चाहिए 9. गर्भवती महिलाओं को   वारिसार द्यौति का अभ्यास नहीं करना चाहिए वरना गर्भपात हो सकता है |  10. वारिसार द्यौति का अभ्यास करने के बाद रसाहार या फलाहार का सेवन अगले 24 घंटे तक करना उचित रहता है| वारिसार द्यौति के फायदे   1. शरीर से विषैले पदा

Why Red Sandalwood so expenssive | लाल चंदन इतना महंगा क्यों है

  लाल चंदन इतना महंगा क्यों है | लाल चंदन, उपयोग, लाभ और भी बहुत कुछ   वानस्पतिक नाम : पटरोकार्पस सैंटालिनस  सामान्य नाम : रेड सैंडर्स, रेड सॉन्डर्स, येरा चंदनम, रेड सैंडलवुड, रक्ता चंदना  पहचान :  1. लाल चंदन की कोई सुगंध नहीं होती है।  2. पेड़ की ऊंचाई 5-8 मीटर है।  3. लाल चंदन के पत्ते 3-9 सेंटीमीटर लंबे होते हैं।  उपयोग :  1. लाल चंदन का उपयोग फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है।  2. संगीत वाद्ययंत्र बनाने के लिए लाल चंदन का उपयोग किया जाता है।  3. लाल चंदन में ज्वरनाशक और सूजन रोधी गुण होते हैं। 4. पूजा में लाल चंदन का प्रयोग किया जाता है।  5. लाल चंदन रक्त शोधक है।  6. लाल चंदन में कैंसर रोधी गुण होते हैं।  7. लाल चंदन का उपयोग मादक पेय पदार्थों में स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है।  8. लाल चंदन का प्रयोग त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है।  लाल चंदन इतना महंगा क्यों है  1. उच्च मांग और कम आपूर्ति के कारण लाल चंदन इतना महंगा है।  2. पेड़ के हर्टवुड को विकसित होने में लगभग 30 वर्ष लगते हैं।  3. भारत दुनिया के लाल चंदन का केवल 90% उत्पादन करता है।  4. लाल चंदन क

रोग से मुक्ति के लिए योग | वात्सार धौती |वात्सार धौती कैसे करें |Vaatsaar Dhauti

  रोग से मुक्ति के लिए योग  | वात्सार धौती वात्सार धौती कैसे करें  1.  किसी भी आसन में आराम से बैठ जाएँ | 2.  मुँह को कौए कि  चोंच के तरह करें |  3.  धीरे - धीरे साँस  अंदर लें |  4.  पेट फूलने तक सांस लेते रहें |  5.  सांस को धीरे धीरे पेट में घुमाएं |  6.  अब पेट की हवा को धीरे धीरे गुदा मार्ग से निकालें |    वात्सार धौती के लाभ   1.   वात्सार धौती से हर तरह के  रोग दूर होते हैं |  2.   वात्सार धौती एक गुप्त योग है , यह  पाचन और शारीरिक शक्ति बढ़ाता है |   अन्य पढ़ें  सूर्यनमस्कार  बज्रासन  सुप्तवज्रासन  ज्ञान मुद्रा के बारे में पढें ह्रदय मुद्रा   

शिलाजीत क्या है और इसके क्या फायदे हैं | What is Shilajit and what are its benefits | Advantages and disadvantages of Shilajit

    शिलाजीत क्या है और इसके क्या फायदे हैं | शिलाजीत के फायदे और नुक्सान  शिलाजीत क्या है  :- आचार्य चर्क के अनुसार इस धरा पर कोई ऐसी बिमारी  नहीं जिसे शिलाजीत से जीता नहीं जा सकता |  शिलाजीत  गहरे भूरे रंग का चिपचिपा पदार्थ है ,जो कड़वा , कसैला और उष्ण होता है |  शिलाजीत  कि  गंध गौमुत्र कि  तरह होती है |  यह जल में घुल जाता है और अल्कोहल , कलोरोफॉर्म और ईथर में नहीं घुलता | यह मुख्यत: हिमालय और हिन्दुकुश पर्वतमाला में प्रापत होता है , यह पौधों के हज़ारों बर्ष के विघटन के कारण बनता है  | शिलाजीत खाने के फायदे :- 1.  शिलाजीत दिमागी कमजोरी को दूर करती है |  2.   शिलाजीत इम्युनिटी को बढ़ाने में काम आती है |  3.   शिलाजीत मधुमेह को कम करने में सहायक है |  4.   शिलाजीत दिल और रक्त सम्बंधित बीमारियों में काम आती है |  5.   शिलाजीत शारीरिक कमजोरी दूर करती है |  6.   शिलाजीत रक्त कि  कमी को दूर करती है |  शिलाजीत खाने के नुक्सान  :- 1.   शिलाजीत शरीर की गर्मी को बढ़ाती है |  2.   शिलाजीत से पेशाब को बढ़ाती है |  3.   शिलाजीत के ज्यादा प्रयोग से पैरों  और हाथों में जलन महसूस हो सकती है |  अन्य पढ़े

How to make Satvik Roti || Recipe to make Healthy Roti || सात्विक रोटी बनाने का तरीका

सात्विक रोटी बनाने का तरीका ||हैलदी रोटी बनाने कि रैसिपी दोस्तो आज हम में से हर कोई किसी न किसी बिमारी से पीड़ित है ,क्या आप जानते हैं यह बिमारियाँ कहाँ से आईं और हम इन बिमारियों से बच क्यों नहीं पाते | दोस्तो यह बिमारियाँ हमारे खाने पीने कि आदतों का ही नतीजा हैं |आधुनिक्ता कि दौड़ में हम शरीर को भूल चुके हैं ,जीभ के स्वाद के लिए हम हर कुछ ठूूँसते चले जाते हैं ,पैकेट बंद खाना,पानी और दूध सब हमें बहुत भाता है |पिज्जा के चटकारे,बर्गर का स्वाद और फिंगर चिप्स ,ठंडे पेय के साथ हमें अच्छे लगते हैं | दोस्तो अगर हम अपनी खाने कि आदत को बस बदल दें तो हर बिमारी से बचा जा सकता है ,यहाँ तक की किसी भी बिमारी को पलटा जा सकता है | तो दोस्तो आज मैं आप को सात्विक रोटी बनाने का तरीका बताने जा रही हूँ ,यह स्वाद के साथ साथ ,सेहत से भी भरपूर   है | सामग्री :  1.     गेहूँ का आटा (छिलके सहित) 2.      जौ का आटा  3.      निम्न में से कुछ भी           (a) पालक पयूरी            (b)टमाटर पयूरी           (c) गाजर का जूस           (d)  आलू पेस्ट            (e)  नारियल का दूध            (f)   बीन्स पेस्ट