How to make Satvik Roti || Recipe to make Healthy Roti || सात्विक रोटी बनाने का तरीका

सात्विक रोटी बनाने का तरीका ||हैलदी रोटी बनाने कि रैसिपी


दोस्तो आज हम में से हर कोई किसी न किसी बिमारी से पीड़ित है ,क्या आप जानते हैं यह बिमारियाँ कहाँ से आईं और हम इन बिमारियों से बच क्यों नहीं पाते | दोस्तो यह बिमारियाँ हमारे खाने पीने कि आदतों का ही नतीजा हैं |आधुनिक्ता कि दौड़ में हम शरीर को भूल चुके हैं ,जीभ के स्वाद के लिए हम हर कुछ ठूूँसते चले जाते हैं ,पैकेट बंद खाना,पानी और दूध सब हमें बहुत भाता है |पिज्जा के चटकारे,बर्गर का स्वाद और फिंगर चिप्स ,ठंडे पेय के साथ हमें अच्छे लगते हैं |


दोस्तो अगर हम अपनी खाने कि आदत को बस बदल दें तो हर बिमारी से बचा जा सकता है ,यहाँ तक की किसी भी बिमारी को पलटा जा सकता है |


तो दोस्तो आज मैं आप को सात्विक रोटी बनाने का तरीका बताने जा रही हूँ ,यह स्वाद के साथ साथ ,सेहत से भी भरपूर   है |

सामग्री

1.     गेहूँ का आटा (छिलके सहित)

2.      जौ का आटा 

3.      निम्न में से कुछ भी 

         (a) पालक पयूरी 

          (b)टमाटर पयूरी

          (c) गाजर का जूस

          (d)  आलू पेस्ट

           (e)  नारियल का दूध

           (f)   बीन्स पेस्ट

           (g)   वह सभी सब्जियाँ जिन का            पेस्ट या जूस  निकला जा  सकता             हो |

प्रक्रिया :

ऊपर लिखी पयूरी या जूस का प्रयोग कर के आटा गूँथ लें ,थोड़ा सा काला नमक प्रयोग कर सकते हो |अब इस आटे कि रोटियाँ बना लें |घी या तेल का प्रयोग ना करें |


दोस्तो ऊपर लिखे तरीके से बनाई रोटियाँ स्वाद व सेहत से भरपूर हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं |



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आज कल हमारा खान पान रहन सहन कुछ इस तरह का हो चुका है कि शरीर में कोई ना कोई बिमारी  अवश्यम्भावी है , आराम ,स्वाद और शारीरिक सुख के चक्कर में जीवन कम कर लिया है हम ने |



कितना  सही था जीवन,कितनी बड़ी थी आशाएँ ,

दिन रात बडे़ जीवन कि खातिर माँगी जाती थी दुआएँ |

वो दिन भी गए ,ना रहीं वो आशाएँ |

काम क्रोध लोभ कि खातिर भटके हम दिशाएँ |



अगर जीवन में कुछ नीयम व अनुशासन अपनाए जाएँ तो आदमी दीर्घकाल तक निरोगी जीवन जी सकता है , तो वह नियम इस तरह से हैं :-

1.     नियमित आसन,व्यायाम व प्राणायाम करें |

2.     भोजन के  1 घंटे बाद ही पानी 

पिएँ |

3.     भोजन में फल व कच्ची सब्जियाँ ज्यादा प्रयोग करें |

4.     बहुत ज्यादा मैथुन सै बचें |

5.      व्यायाम ,भोजन और मैथुन के अन्त में शक्कर या मधु मिश्रित  दूध का सेवन करें |